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Desi Indian Jugaad: रसोई की महंगाई से बचने के लिए किसान ने ढूंढा तूफानी तरीका, आइये आपको बताते हैं की एक छोटे से गांव के किसान ने कैसे कर दिखाया ये काम।

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आजकल इंटरनेट के दौर में इंडियन कई तरह के जुगाड़ आजमाते रहते हैं। साथ ही गांव के कई सारे छोटे-छोटे किसान भी अपने खेतों में तगड़ा जुगाड़ करके कई सारे इंतजाम बहुत ही आसानी से कर लेते हैं। कहीं जानवरों को भगाने का जुगाड़ तो कहीं खाद का भी तगड़ा इस्तेमाल आसानी से किया जा सकता है। हाल ही में गांव के एक किसान ने भी अपना तगड़ा आईडिया लगाकर रसोई की महंगाई से बचने का ऐसा तूफानी तरीका ढूंढ निकाला है जिससे एक ओर खाने का इंतजाम तो होगा ही साथ ही खाद का भी तगड़ा जुगाड़ हो रहा है। किसान का यह तगड़ा जुगाड़ इंटरनेट पर पूरी तरह छाया हुआ है।

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इस देसी जुगाड़ को देखकर कई सारे किसान इससे प्रेरित भी हो रहे हैं और अपने खेतों में इस जुगाड़ के जरिए रसोई की महंगाई से बच रहे हैं। साथ ही इससे आपके खाद का भी जुगाड़ आसानी से हो जाता है जिससे कि आपको खाद के लिए बाहर कहीं भटकने की आवश्यकता कभी नहीं पड़ेगी और इससे आपके खाने का भी बहुत ही जल्द इंतजाम हो जाएगा और खर्चा भी बहुत ही कम आएगा। आइये आपको बताते हैं आखिर किसान ने ऐसी कौन सी तरकीब अपनाई है जिससे एक पंथ से दो काज हो रहे हैं।

खाने के साथ होगा खाद का जुगाड़

रसोई में खाना बनाने के लिए अक्सर लोग गैस सिलेंडर का इस्तेमाल करते हैं जिससे आपके घर का महीने का खर्च बहुत ही तेजी से बढ़ने लगता है। साल भर में करीबन 20 से 25 सिलेंडर आराम से खर्च हो जाते हैं। एक सिलेंडर की कीमत लगभग ₹1200 तक होती है जिससे कि साल भर में आपका खर्चा करीबन 25 से 26 हजार तक पहुंच जाता है। लेकिन इस खर्चे से बचने के लिए भाई बहराइच के एक बुजुर्ग किसान ने एक ऐसा बेहतरीन उपाय निकाला है जिससे कि साल भर के खाने को बनाने में आपकी एक भी रुपए खर्च नहीं होने वाला है। किसान जगन्नाथ मौर्य ने बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए बायोगैस प्लांट बहुत ही कम खर्च मात्र ₹8000 में लगवा लिया है और पिछले 6 से 7 महीने से वह लगातार सुबह शाम का खाना इसी पर बना रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस पर 20 लोगों का खाना आसानी से बन जाता है।

बायोगैस प्लांट में पशुओं के व्यर्थ पदार्थ या एनर्जी क्रॉप्स के उपयोग से बायोगैस बनाई जाती है। एनर्जी क्रॉप्स को भोजन के बजाय बायोफ्यूज के लिए उगाया जाता है जिससे कि बायोफ्यूल्स बहुत ही आसानी बहुत ही कम खर्चे में आपका सारा काम आसान कर देता है। बायोफ्यूल बायोमास कहे जाने वाले मृत ऑर्गेनिक तत्वों से बनाया जाता है और यह और ठोस और तरल रूपों में हो सकता है। बायोगैस पर ना ही सिर्फ खाना बनाया जा सकता है बल्कि वहां जहां से इसकी गैस निकलती है और इसके अवशेष निकलते हैं। उन्हें खेतों में खाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। किसान ने इस तरकीब को लगाकर अपनी बढ़ती महंगाई से पूरी तरह से निजात पा ली है।

इस तरकीब से किया काम

बायो प्लांट लगाने में ज्यादा खर्चा नहीं आता है। साथ ही आप इस पर सरकार से अनुदान प्राप्त करके मात्र ₹8000 में ही अपने खेतों में बायोगैस प्लांट लगवा सकते हैं जिससे आपको बहुत ही ज्यादा आसानी हो जाएगी और आप पर महंगाई की मार भी बिल्कुल नहीं पड़ेगी। इसके लिए आपके पास दो गाय या भैंस होनी आवश्यक है जिससे निकलने वाला गोबर से एक परिवार का खाना बहुत ही आसानी से बन जाता है। साथ ही यह इतना आधुनिक है कि इसके फिल्टर की मदद से गैस की बिल्कुल भी दुर्गंध नहीं आती है और इसको चलाने में भी बिल्कुल भी मेहनत नहीं करनी पड़ती है। इसमें बस आपको गोबर डालना होता है और उसके बाद इसे गैस बनना शुरू हो जाती है जिससे आप बिना खर्चे के ही बहुत सारे लोगों का खाना बहुत ही आसानी से बना सकते हैं और इसके लिए आपको महंगे-महंगे गैस सिलेंडर का खर्चा भी नहीं उठाना पड़ेगा।

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