गेहूं में झंडा पत्ती आने पर करें इस घोल का छिड़कावगेहूं में झंडा पत्ती आने पर करें इस घोल का छिड़काव

गेहूं में झंडा पत्ती आने के समय कर दें इस घोल का छिड़काव, बालियों से भर जायेगा आपका खेत, आइये आज इस आर्टिकल के माध्यम से आपको बताते हैं किस तरह कर सकते हैं आप इस फॉर्मूले का इस्तेमाल अपने खेतों में।

55 से 70 दिनों में होती है झंडा पत्ती आने की शुरुआत

भारत के ज्यादातर किसान गेहूं की खेती करते हैं जिसमें अपनी पैदावार बढ़ाने के लिए किसान कई तरह के उपाय आजमाते हैं। कई बार गेहूं की पौधों की मिट्टी में कई सारे पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। जिसके कारण झंडा पत्ती आने तक गेहूं के पौधों में बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। फिर कई बार झंडा पत्ती आने के बाद में भी किसान भाई गेहूं के पौधे में पैदावार बढ़ाने के लिए कई सारी समस्याओं का सामना करते हैं।

झंडा पत्ती आने की शुरुआत 55 से 70 दिनों में शुरू हो जाती है। साथ ही यदि आप इस समय पर कुछ जरूरी आवश्यक चीजों की का छिड़काव कर दे तो इससे आपको बहुत ही ज्यादा फायदा मिलता है। साथ ही आपको एक ही एकड़ में ज्यादा बहुत ही ज्यादा पैदावार देखने को मिलती है। आइये आज हम आपको ऐसे ही घोल के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका एक एकड़ में छिड़काव करने से आपको बहुत ही ज्यादा फायदा मिलने वाला है। साथ ही आपके गेहूं की फसल बालियों से भर जाएगी और आपको एक एकड़ में ही 3 से 4 कुंटल का बढ़कर उत्पादन मिलेगा। आइये इस आर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कि आप इस फार्मूले का इस्तेमाल अपने खेतों में कैसे कर सकते हैं और आपको इसे किस तरह फायदा मिलेगा।

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1 एकड़ में करें इस घोल वाले फॉर्मूले का इस्तेमाल

यदि आप भी अपने गेहूं की फसल में कम उत्पादन की समस्या का सामना कर रहे हैं तो आज हम आपको आपके खेतों में उत्पादन बढ़ाने के लिए साथ ही आपके गेहूं की बालियों में मोटे और चमकदार दाने भरने का एक ऐसा फार्मूला बताने जा रहे हैं। जिसको करने के बाद आपको कभी भी उत्पादन की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके लिए आप अपने खेतों में 00:52:34 NPK में 100 ग्राम बोरोन को 150 लीटर पानी में मिलाकर एक एकड़ में इसका छिड़काव कर सकते हैं। इसका छिड़काव करने के बाद आपको उत्पादन की कमी कभी भी देखने को नहीं मिलेगी। साथ ही इससे आपके पौधों में बोरोन की कमी पूरी तरह पूरी हो जाएगी और आपको उत्पादन भी तगड़ा मिलने लगेगा। इससे आपका उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ आपकी बालियों में मोटा और चमत्कार दाना भरेगा जिससे कि आपको बहुत ही ज्यादा दाम भी मिलेंगे। पौधों में बोरोन की कमी होने के कारण उत्पादन बहुत ही तेजी से प्रभावित होता है जिसके कारण यदि आप इसकी पूर्ति खेतों में कर देते हैं तो इससे आपको बहुत ही अच्छा रिजल्ट देखने को मिलता है। साथ ही आपकी रुकी हुई गेहूं की ग्रोथ भी तेजी से बढ़ने लगती है और आपके बालियों में बहुत सारे दाने भरने लगते हैं।

जानिए क्या है इसके जबरदस्त फायदे

हमारे द्वारा बताए गए इस फार्मूले का इस्तेमाल करने से आपको अपने खेतों में जबरदस्त फायदे देखने को मिलते हैं। बोरोन की कमी पौधों में पूरी हो जाने से आपके खेतों की फसल अधिक उत्पादन देने लगती है। साथ ही आपके बालियों में मोटा और चमकदार दाना भरने लगता है जिसके कारण आपका उत्पादन तेजी से डबल होने लग जाता है और आपको इससे बहुत ही अच्छे दाम भी मिलते हैं। यदि आप इस फार्मूले का एक एकड़ में छिड़काव कर दें तो इससे आपको बेहतरीन रिजल्ट भी देखने को मिलते हैं। आपका दाना मोटा होने से बाजार में इसकी कीमत काफी ज्यादा मिलने लगती है। साथ ही ज्यादातर मोटे और चमकदार दानों की मांग करते हैं जिसके कारण उनकी आपूर्ति भी आप आसानी से कर सकते हैं। यदि आप इसकी कमी के लक्षणों की पहचान कर ले तो आप इस अपनी फसल को बहुत ही जल्द किसी भी तरह के रोग से और आपके फसलों में ग्रोथ की कमी होने से बचा सकते हैं आइये आपको बताते हैं कि कैसे आप कर सकते हैं फसल में कमी के लक्षणों की पहचान।

कमी के लक्षणों की पहचान करने के तरीके

गेहूं की फसल में पोषक तत्वों का प्रबंध बेहद ही आवश्यक होता है। यदि इसके प्रबंधन पर उचित रूप से ध्यान दिया जाए तो आपकी फसल बहुत ही तेजी से ग्रोथ करती है। साथ ही बालियों में मोटा और चमकदार दाना भरने में भी किसी तरह की परेशानी नहीं आती। आज हम आपको इसकी कुछ कमी के लक्षणों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बाद आप इनकी पहचान करके अपने गेहूं में पोषक तत्वों का सही प्रबंध कर पाएंगे।

  • गेहूं में बोरोन की कमी होने से नई पत्तियां गुच्छों का रूप ले लेती है। साथ ही डंठल, तना और फल कटने लगते हैं जिससे कि आपकी फसल को हानि पहुंचती है और उत्पादन पर असर पड़ता है। यदि आप बोरोन की कमी को पहचान कर इसमें बोरोन की पूर्ति कर दे तो आप का पौधा बहुत ही अच्छी पैदावार देने लगता है।
  • फास्फोरस की कमी देखे जाने पर पत्तियां या तनों पर लाल या बैंगनी रंग आ जाता है। जड़ों के साथ फैलाव में भी कमी होने लगती है जिसके कारण इसका प्रबंध करना भी बेहद आवश्यक होता है।
  • पोटेशियम की कमी के कारण पुरानी पत्तियों के किनारे पीले पड़ने लगते हैं। साथ ही पत्तियां बाद में भूरी और झुलसी हुई होने लगती है जिसके कारण आपको पोटाश का छिड़काव भी अपने खेतों में करना बहुत ही जरूरी हो जाता है।

मिलेगा छप्परफाड़ उत्पादन

किसान भाई यदि अपनी फसलों में इन सभी पोषक तत्वों का प्रबंध करने लगते हैं और हमारे द्वारा बताए गए इस घोल का छिड़काव करते हैं तो इससे आपको बहुत ही बेहतरीन रिजल्ट देखने को मिलते हैं। साथ ही इससे आपको 1 एकड़ में 3 से 4 क्विंटल बढ़कर उत्पादन प्राप्त होने लगता है जिससे कि आपका मुनाफा भी तेजी से बढ़ता है और आपकी आय डबल होने लगती है। इस घोल का छिड़काव आपके उत्पादन को बहुत ही तीव्र गति से प्रभावित करता है। साथ ही इसके रिजल्ट भी आपको बहुत ही जल्द देखने को मिलते हैं। आपके गेहूं की फसलों में बालियों की संख्या भी तेजी से बढ़ने लगती है और बहुत ही अच्छी क्वालिटी का दाना आपके बालियों में भरने लगता है जिससे आपको मंडियों में इसके बेहतरीन दाम मिलते हैं।

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