गेहूं की कटाई के बाद खेतों में लगा दें ये मुनाफेदार फसल, मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के साथ होगा कमाई का जुगाड़, आइये आपको बताते हैं की किस तरह आप कर सकते हैं दोनों हाथों से कमाई।
गेहूं की कटाई के बाद करें इस फसल की बुवाई
गेहूं की कटाई इस समय कई सारे किसान कर रहे हैं। ऐसे में उनके लिए आज हम एक ऐसी फसल की बुवाई के बारे में बता रहे हैं। जिनको खेतों में बोने के बाद उन्हें 2 तरफ मुनाफा होगा गेहूं की कटाई के बाद किसानों के पास काफी ज्यादा समय बच जाता है। जिस समय उनके खेत खाली पड़े रहते हैं इस समय ढैंचा फसल की खेती उनके लिए वरदान साबित हो सकती है। यह फसल नाइट्रोजन को विकसित करके मिट्टी को उपजाऊ बनती है। ढैंचा के पौधे की ऊंचाई जैसे ही पर्याप्त हो जाती है तो इस खेत में पलट दिया जाता है जिससे की मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ती है और अगली पैदावार भी काफी अच्छी निकलती है।

यदि आप चाहे तो ढैंचा को बाजार में बेच भी सकते हैं यह एक बेहतरीन उर्वरक मानी जाती है जिस कारण लोग इसकी खरीदी करना काफी पसंद करते हैं ढैंचा का इस्तेमाल अपने खेतों में करने से खरपतवार की संभावना पूरी तरह कम होने लगती है। जिससे कि किसानों की खेती पर लागत काफी कम होने लगती है और उनका मुनाफा बढ़ता है। आइये आपको बताते हैं किस तरह आप कर सकते हैं ढैंचा की खेती की शुरुआत।
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इस तरह कर सकते हैं खेती की शुरुआत
- ढैंचा की खेती करने के लिए आप सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई कर ले।
- उसके बाद इसकी बुवाई सरसों की खेती की तरह लाइनों में या फिर छिड़काव विधि द्वारा आप कर सकते हैं।
- इसकी बुवाई के मात्र एक से डेढ़ महीने के बाद पौधों की लंबाई 3 फीट तक पहुंचने लगती है।
- ढैंचा का बीज हरी खाद के लिए प्रतिवर्ष 80% के अनुदान पर किसानों को उपलब्ध कराया जाता है।
- ध्यान रखिए के ढैंचा के लिए 10 से 15 दिन के बाद इसकी पहली सिंचाई करें और दूसरी सिंचाई 8 से 10 दिन के अंतराल पर करें।
- हरी खाद के रूप में ढैंचा का उपयोग करने की अवधि लगभग 40 से 50 दिनों की होती है इसके बाद इस फसल को जुताई करके मिट्टी में दबा दिया जाता है। जिससे कि आपकी अगली फसल काफी अच्छी निकल कर तैयार होती है।
इस तरह होगा कमाई का जुगाड़
गेहूं की कटाई के बाद यदि आप ढैंचा अपने खेतों में लगा देते हैं तो इससे आपकी मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ जाती है। साथ ही इसे कमाई का भी तगड़ा जुगाड़ हो जाता है। ढैंचा की फसल में से फलियां भी निकलती है जिसे धूप में सुखाकर मशीन की सहायता से इसके बीजों को निकाल कर आप आसानी से बाजार में बेच सकते हैं। ढैंचा कि गांठों में भी नाइट्रोजन का भंडार होता है यदि आप चाहे तो आप इसकी बिक्री भी अन्य किसानों को कर सकते हैं। ढैंचा की खेती से नगदी फसलों को कम लागत में बेहतरीन पोषण मिलने लगता है जिससे कि आप आसानी से अपनी अगली फसल से भी बेहतरीन मुनाफा कमा सकते हैं ढैंचा का उपयोग खेतों में करने से आपको अगली फसल के लिए केमिकल फर्टिलाइजर की आवश्यकता नहीं होती। यह मिट्टी की उर्वरक क्षमता को तेजी से बढ़ाता है और पौधों के विकास को बढ़ावा देता है जिसके कारण आपकी लागत कम और आय ज्यादा हो जाती है।