गेहूं-धान छोड़ शुरू कर दें अमेरिकन सुपरफूड की खेती

गेहूं-धान छोड़ शुरू कर दें अमेरिकन सुपरफूड की खेती, मात्र 100 दिनों में बना लेगी धन्ना सेठ, आइये आपको बताते हैं की अमीर बनने के लिए आप कैसे कर सकते हैं इस सुपरफूड की खेती।

क्या है अमेरिकन सुपरफूड

भारत का 70% हिस्सा कृषि पर निर्भर है। जिस कारण किसान सब्जियों और कई तरह के अनाजों की खेती करते हैं जिससे कि उनका मुनाफा बेहतरीन होता है। किसान हर बार तरह-तरह की अनाजों का उत्पादन करके खेती में अपनी किस्मत आजमाने की कोशिश करते रहते हैं। आज हम आपको एक ऐसे ही अनाज के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं। जो की मिलेट्स श्रेणी का अन्न है। इसमें कार्बोहाइड्रेट प्रोटीन, मिनरल और फाइबर्स पाए जाते हैं जो कि गेहूं और धान की तुलना में अधिक उत्पादन देता है जिसके कारण इससे किसानों को बहुत ही तेजी से फायदा होता है। यह कम लागत में अधिक मुनाफा देने वाली तगड़ी फसल है जिसकी खेती कर आप बहुत ही अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

गेहूं-धान से किसानों को बहुत ही अच्छा मुनाफा मिलता है। लेकिन यह फसल गेहूं और धान से भी ज्यादा लाभकारी होती है जिसके कारण इसे अमेरिका का सुपरफूड भी माना जाता है। किनोवा में कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट शामिल होते हैं। यह एक ग्लूटेन फ्री अनाज माना जाता है जिसका सेवन कई सारी बीमारियों में अच्छा माना जाता है। किनोवा में विटामिन बी, फोलेट, पोटेशियम, मैग्नीशियम और विटामिन 12 की भरमार पाई जाती है। जो की शरीर में खून की कमी को पूरा करने के लिए मदद करती हैं। साथ ही इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हार्ट और अन्य अंगों के लिए बेहतरीन होता है जिसके कारण इसका सेवन करना लोग बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं। देश से लेकर विदेश तक इसकी डिमांड भी बहुत ज्यादा की जाती है। आइये आपको बताते हैं इसकी खेती कैसे की जाती है।

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जानिए क्या है खेती की प्रोसेस

  • किनोवा की खेती के लिए बीजों की बुवाई 15 से 30 नवंबर के बीच की जाती है।
  • इसके बीज बहुत ही छोटे होते हैं जिन्हें 2 से 5 सेंटीमीटर की गहराई पर बोया जाता है।
  • इसके लिए उचित तापमान 18 से 25 डिग्री सेल्सियस तक आवश्यक माना जाता है।
  • किनोवा की खेती के लिए गोबर की खाद का इस्तेमाल करने से इसके पौधे बहुत ही तेजी से बढ़ते हैं।
  • इसकी खेती के लिए रासायनिक खाद के तौर पर 40 से 50 किलो प्रति एकड़ DAP का इस्तेमाल किया जा सकता है।
  • किनोवा की खेती के लिए जल निकासी वाली मिट्टी का चयन किया जाता है।
  • नाइट्रोजन उर्वरक का इस्तेमाल करने से इसके पौधों की ग्रोथ बहुत ही तेजी से होती है।
  • लगभग 100 से 110 दिन के बाद यह कटाई के लिए तैयार हो जाते हैं।
  • किनोवा की खेती करने के लिए इसके बीज को मिट्टी से ढंककर सामान पंक्तियों में बो दें।
  • जब तक अंकुर ना उठे तब तक मिट्टी को अच्छी तरह से नम रखें।
  • इसके पौधे जब तक 4 से 10 इंच तक लंबे ना हो जाए तब तक इसकी हाथ से ही निराई करें। इसमें किसी भी मशीन का उपयोग न करें।
  • इसके आस-पास के खरपतवारों को हटाते रहे जिससे कि इस पौधे की ग्रोथ अच्छे से हो सके।
  • यदि आप प्रति एकड़ इसके बीज की बुवाई कर रहे हैं तो आपको इसके लिए 500 से 800 ग्राम बीज की आवश्यकता होगी।
  • इस कतारों में या सीधे बिखेरकर बोया जा सकता है।
  • इसके बीजों को मिट्टी में 1.5 से 2 सेंटीमीटर तक गहराई पर लगाया जाता है।
  • साथ ही पौधे 5 से 6 इंच के हो जाने पर पौधों के बीच की दूरी 10 से 15 इंच की रखी जाती है और इससे अतिरिक्त खरपतवार को हटाया जाता है जिससे कि पौधों को बढ़ने में किसी भी तरह की समस्या ना हो।

मात्र 100 दिनों में बन जायेंगे मालामाल

1 एकड़ में किनोवा की लगभग 15 से 17 क्विंटल तक उपज ली जा सकती है। अगर इसके लागत की बात की जाए तो प्रति एकड़ इसमें 6 से ₹7000 का खर्चा आता है। किनोवा का भाव देश में 150 से लेकर ₹200 किलो तक मिलता है। साथ ही विदेशों में इसकी डिमांड भी भारी मात्रा में की जाती है। वहां इसकी कीमत 300 से ₹400 प्रति किलो तक जाती है जिससे कि आप एक एकड़ से लगभग 2 लाख तक का मुनाफा कमा सकते हैं। इससे आप बहुत ही जल्द मालामाल बन जाएंगे।

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