कम पानी और बंजर इलाकों के लिए लाजवाब है इस फसल की खेती,

कम पानी और बंजर इलाकों के लिए लाजवाब है इस फसल की खेती, यदि आप भी किसी शानदार फसल की खेती करना चाहते हैं जो की आपको कम समय और बंजर जमीन में बेहतर उत्पादन दे सके तो आप इस फसल की खेती आज ही शुरू कर सकते हैं।

कम पानी और बंजर इलाकों में शानदार उत्पादन देगी ये फसल

आजकल किसान नई वैरायटी के फल और सब्जियों की खेती करना बेहद ही पसंद कर रहे हैं यह उनकी कमाई को बढ़ाने का एकमात्र कारगर उपाय माना जाता है। अक्सर लोग नई तरह की सब्जियां और फलों को खाना बेहद ही पसंद करते हैं। इसमें कई तरह के न्यूट्रिशंस और पोषक तत्व पाए जाते हैं। आज हम भी एक ऐसी ही खेती के बारे में बात कर रहे हैं जो कि किसानों को लखपति बनने में बिल्कुल भी समय नहीं लगाती है। हम बात कर रहे हैं फूट ककड़ी की खेती के बारे में। फूट ककड़ी एक ऐसी खेती मानी जाती है जो कि किसानों को कम लागत में बेहतरीन उत्पादन देती है। साथ ही इस खेती में कम पानी की आवश्यकता होती है जिस कारण यह बंजर जमीन में भी आपको बहुत अच्छा उत्पादन देने में सक्षम होती है।

फूट ककड़ी की खेती की कई सारी ऐसी किस्म भी होती है जिनकी खेती करने पर किसानों का मुनाफा दोगुना हो जाता है। गर्म जलवायु और सूखे इलाकों के लिए यह एक बेहतरीन फसल मानी जाती है। आइये आपको बताते हैं किस तरह की जाती है इसकी खेती।

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इस तरह कर सकते हैं खेती की शुरुआत

  • फूट ककड़ी की खेती बलुई दोमट मिट्टी में काफी अच्छी होती है इसके लिए गर्म जलवायु अच्छी मानी जाती है।
  • साथ ही इसके लिए मिट्टी का पीएच मान 6 से 7 होना आवश्यक होता है फूट ककड़ी की खेती के लिए खेत तैयार करने के लिए आपको तीन से चार बार जुताई करना आवश्यक होता है।
  • साथ ही बुवाई से पहले इसकी हल्की सिंचाई भी की जाती है जिससे कि इसके बीज आसानी से अंकुरित हो सके और इसके पौधों का विकास हो सके।
  • इसकी बुवाई फरवरी और मार्च में की जाती है इसके लिए प्रति हेक्टर 2 किलो बीज की आवश्यकता होती है इसके लिए खेतों में 8 सेंटीमीटर की चौड़ाई वाली नालियां 2 से 3 मीटर की गैप में बनाई जाती है।
  • साथ ही इसके बीजों की बुवाई 50 से 70 सेंटीमीटर की दूरी पर की जाती है फूट ककड़ी की अच्छी पैदावार लेने के लिए एक हेक्टर खेत में 50 से 60 टन ट्रॉली में सड़े हुए गोबर की खाद, 80 किलोग्राम नाइट्रोजन, 40 किलोग्राम फास्फोरस और 40 किलोग्राम पोटाश की आवश्यकता होती है।
  • खरपतवार नियंत्रण के लिए इसमें खुरपी की मदद से आप 20 से 25 दिनों के बाद निराई-गुड़ाई कर सकते हैं फूट ककड़ी की AHS 10, AHS 82 किस्म काफी अच्छी मानी जाती है।

बेहतर उत्पादन से भरती है किसानों की जेब

फूट ककड़ी की खेती प्रति हेक्टेयर 150 से 200 कुंतल तक की पैदावार देती है । ही वर्षा ऋतु में यदि इसकी खेती की जाए तो इसका उत्पादन 250 से 300 कुंतल तक प्राप्त होता है। जिससे कि किसानों की आय तेजी से बढ़ती है। फूट ककड़ी की खेती करने से किसानों को काफी मुनाफा होता है। सामान्य खेती की अपेक्षा इस ककड़ी की डिमांड बाजार में काफी ज्यादा की जाती है। साथ ही इस ककड़ी का स्वाद बेहद ही शानदार होता है जिसे खाना लोग बहुत ही ज्यादा पसंद करते हैं। यदि आप भी इसकी खेती एक हेक्टेयर में करना चाहते हैं तो इससे आपको लाखों का मुनाफा आसानी से हो सकता है।

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