भूल से भी ना बनाए दक्षिण दिशा में घर का मुख्य द्वार, वास्तु के हिसाब से दक्षिण दिशा घर के लिए अशुभ मानी जाती है दक्षिण दिशा में हमें कभी भी अपना मुख्य द्वार नहीं बनना चाहिए यदि किसी कारणवश आपका दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार बन गया है तो आप कुछ उपाय भी कर सकते हैं जिससे आपको इसका प्रभाव नहीं पड़ेगा।
जानिए क्या है दक्षिण दिशा में घर का मुख्य द्वार बनाने के नुकसान
दक्षिण दिशा में द्वार बनाने से नकारात्मक ऊर्जाएं हमारे घर में प्रवेश कर जाती है और घर की शांति को भंग कर देती है यह हमारी सफलताओं में भी बढ़ाया उत्पन्न करती हैं इसलिए घर या ऑफिस का दरवाजा कभी भी हमें दक्षिण दिशा में नहीं बनना चाहिए दक्षिण दिशा को यमराज और पितरों की दिशा भी कहा जाता है जिससे हम वास्तु दोष के घेरे में आ जाते हैं ऐसे में हमें इस वास्तु दोष से बचने के लिए क्या उपाय करने होंगे आइए इसके बारे में जानते हैं।

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ऐसे करें उपाय…
- यदि गलती से आपके घर का मुख्य द्वार दक्षिण दिशा में बन गया है तो आप घर के मुख्य द्वार के सामने बड़ा नीम का पेड़ लगा सकते हैं नीम का वृक्ष मंगल ग्रह को प्रभावित करता है।
- यह हरा-भरा पेड़ द्वारा से दोगुनी दूरी पर आपको लगाना होगा या कोई अन्य मकान है जो घर से दो गुना बड़ा है तो आप वहां भी इसे लगा सकते हैं। यह वास्तु दोष के प्रभाव को कम करेगा और आपको दक्षिण दिशा से होने वाली नकारात्मक ऊर्जाओं का सामना भी नहीं करना पड़ेगा।
- दक्षिण दिशा में घर के मुख्य द्वार पर आप वास्तु दोष से बचने के लिए पंचमुखी हनुमान जी का चित्र भी लगवा सकते हैं अगर दक्षिण दिशा में मुख्य द्वार है तो हनुमान जी की आशीर्वाद मुद्रा वाली मूर्ति या तस्वीर लगाई जिससे आप अपने घर की सुख-शांति को बरकरार रख पाएंगे।
- दक्षिण दिशा का प्रभाव काम करने के लिए गणेश जी की दो मूर्तियां बनवाए यह पत्थर की मूर्तियां होनी चाहिए जो कि दोनों आपस में पीठ से जुड़ी हो इस जुड़ी हुई गणेश प्रतिमा को मुख्य द्वार के बीच में चौखट पर लगाए।
- एक गणेश जी अंदर की ओर देखें और दूसरे गणेश जी बाहर की ओर ऐसा करने से वास्तु दोष से जल्द छुटकारा मिलेगा और दक्षिण दिशा का प्रभाव भी काम होगा जिससे आप तरक्की करेंगे।
- घर में आपको नकारात्मक ऊर्जा को रोकने के लिए एक बड़ा दर्पण घर के मुख्य द्वार पर लगाना चाहिए यह दर्पण इतना बड़ा होना चाहिए कि उसमें प्रवेश करने वाले व्यक्ति की पूरी छाया दिखाई दे।
- इससे नकारात्मक ऊर्जा वापस लौट जाती है और दक्षिण दिशा से होने वाले पूरे प्रभाव से छुटकारा पाया जा सकता है।
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