DAP को छोड़ किसान करें इस तगड़ी खाद का चुनाव, खेतों में झमाझम लहलहायेगी फसल, आइये आपको बताते हैं किस तरह होगा आपको इस सस्ती खाद से मुनाफा।
अब DAP नहीं इस खाद से होगा कमाल
किसान अक्सर अपनी फसल से उत्पादन ज्यादा लेने के लिए DAP यूरिया का इस्तेमाल करते हैं लेकिन DAP यूरिया में मौजूद केमिकल फसल को पूरी तरह खराब करने लगता है। इससे जमीन की उर्वरक क्षमता भी तेजी से कम होती है। लेकिन ऐसे में किसानों के पास कोई भी ऐसा विकल्प नहीं होता जो DAP यूरिया से सस्ता और ज्यादा लाभकारी हो। लेकिन आज हम आपको एक ऐसी महत्वपूर्ण खाद के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका इस्तेमाल करने से आपकी फसल से DAP यूरिया के इस्तेमाल से भी दोगुनी पैदावार निकलेगी। यह सस्ती खाद आपके फसल पर बहुत ही शानदार कमाल दिखाएगी। हम बात करें हैं सिंगल सुपर फास्फेट के बारे में। सिंगल सुपर फास्फेट एक बेहतरीन वैकल्पिक खाद मानी जाती है जिससे फसलों को पर्याप्त पोषक तत्व मिलते हैं साथ ही इसकी कीमत भी काफी कम रहती है। DAP यूरिया की तुलना में यह काफी सस्ती मिलती है जिससे किसानों को दोगुना फायदा मिल सकता है।

यह भी पढ़ें बारिश शुरू होने से पहले घर के आसपास लगा दें ये 4 प्लांट, एक भी सांप नहीं देगा घर में दस्तक
खरीफ की फसलों के लिए है रामबाण
सिंगल सुपर फास्फेट में लगभग 16% फास्फोरस होता है इसके साथ यदि आप पोटाश और यूरिया मिलाकर छिड़काव करते हैं तो इससे फसलों की जड़ों को मजबूती मिलती है साथ ही पौधों की पैदावार भी बहुत ही तेजी से होती है। DAP यूरिया की तुलना में यह ज्यादा सस्ती है यह खाद ज्यादातर कपास, सोयाबीन और लाल मिर्च जैसी फसल पर अपना असर बहुत ही तेजी से दिखाती है खरीफ फसलों के लिए यह रामबाण मानी जाती है।
जानिए किस तरह करें इस सस्ती खाद का इस्तेमाल
DAP यूरिया की तुलना में सिंगल सुपर फास्फेट काफी ज्यादा सस्ता और लाभकारी माना जाता है। यह मिट्टी को भुरभुरा और उपजाऊ बनाता है DAP की एक बोरी किसानों को लगभग 1500 से ₹1600 तक मिलती है लेकिन सिंगल सुपर फास्फेट की एक बोरी किसानों को 300 से ₹400 में उपलब्ध हो जाती है जिससे कि किसानों की लागत भी कम आती है और उनकी उपज भी अच्छी निकलती है। प्रति एकड़ खेत के लिए किसान 200 किलो सिंगल सुपर फास्फेट, 25 किलो पोटाश और 150 किलो यूरिया को मिलाकर एक डोज तैयार कर ले और चार भागों में इसका छिड़काव करें यह करने से आपकी फसल में दोगुना असर देखने को मिलेगा।
यह भी पढ़ें मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर मूंग की खरीदी कर रही सरकार, जानिए कितने मिलेंगे किसानों को MSP के दाम