सोने के रेट में होगी धड़ाम से गिरावट

सोने के रेट में होगी धड़ाम से गिरावट, डोनाल्ड ट्रंप कर रहे हैं Gold को कचरा बनाने की प्लानिंग, आइये आपको बताते हैं क्या है इसके पीछे का राज।

पिछले 3 सालों में कितना हाई रेट हुआ सोना

सोने की कीमतें लगातार 7 वें आसमान पर बनी हुई है। जहां डॉलर से लड़ने के लिए भारत के सभी केंद्रीय बैंक लगातार गोल्ड खरीद रहे हैं वहीं दुनिया में सबसे ज्यादा गोल्ड के मालिक अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप इसके पीछे एक बहुत ही बड़ी चाल चल रहे हैं। वह बहुत सारा सोना बेचकर सोने को कचरा बनाने की प्लानिंग कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप की प्लानिंग यदि सफल रही तो सोना जो आज बाजारों में लाखों रुपए में बिक रहा है वह हजारों का ही रह जाएगा।

पिछले 3 साल में दुनिया भर में गोल्ड को लेकर काफी अफरा तफरी मची है। केंद्रीय बैंकों ने अपना गोल्ड रिज़र्व बढ़ाना भी शुरू कर दिया है। इसके बाद गोल्ड की कीमतें लगातार बढ़ रही है। केंद्रीय बैंकों का मानना था कि विषम परिस्थिति में भी वह कागजी मुद्रा पर विश्वास नहीं कर सकते। इसी कारण दुनिया भर में गोल्ड के दाम काफी ऊपर चले गए। 2022 में जो सोना ₹50000 प्रति 10 ग्राम पर मिल रहा था वह अब हर साल 13 से 15% तक वार्षिक वृद्धि कर रहा है। जिस कारण पिछले 3 साल के चलते अब सोना 90,000 से भी ऊपर पहुंच गया है।

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क्या है डोनाल्ड ट्रंप की प्लानिंग

अमेरिका के पास दुनिया का सबसे बड़ा गोल्ड रिजर्व है। बाजार में किसी भी चीज की कीमत तभी बढ़ती है जब उसकी उपलब्धता कम होती है और डिमांड ज्यादा। सोने के साथ भी कुछ इसी तरह के हाल बने हुए हैं। गोल्ड के रेट ज्यादा होने के कारण अमेरिका डॉलर का रौब भी काफी कम होने लगा है। इसीलिए अमेरिका की मुद्रा को मजबूत बनाने के लिए डोनाल्ड ट्रंप एक खास तरह की प्लानिंग कर रहे हैं। वह गोल्ड रिजर्व में काफी अधिक मात्रा में सोना बेचने के मूड में बने हुए हैं। उनके पास दुनिया भर का लगभग 8000 टन से भी अधिक सोना है। इसके बाद वे इसके बदले में क्रिप्टोकरंसी बिटकॉइन खरीदेंगे।

अमेरिका यदि सोने को 90,000 की कीमत पर भी बेच दे तो इससे गोल्ड की उपलब्धता बाजार में काफी ज्यादा बढ़ जाएगी। अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने या प्लानिंग रची हुई है कि जब वह सोने को बेचे तो उसके दाम मार्केट में सबसे हाई होने चाहिए। बस वह इसी चीज का इंतजार कर रहे हैं। इसके लिए सभी अमेरिकी एजेंसियां काम में लग गई है। इससे अमेरिका को बहुत ज्यादा फायदा तो होगा ही साथ ही इसके बाद अमेरिकी डॉलर भी काफी मजबूत बन जाएगा। डोनाल्ड ट्रंप के अनुसार सोना लगभग 3 महीने में ही 1,10,000 के पार जाने वाला है।

इस तरह से गोल्ड बन जायेगा कचरा

अपने सोने की खजाने को निकालने के बाद अमेरिका जैसे ही बड़े पैमाने पर बिटकॉइन खरीदेगा तो डॉलर के बाद बिटकॉइन दूसरी सबसे बड़ी इंटरनेशनल ट्रेडिंग करेंसी बन जाएगी। इससे अमेरिका देश दुनिया की व्यापारियों को बिटकॉइन से पेमेंट करेगा और बिटकॉइन में ही डिमांड भी करेगा। ऐसी स्थिति में सोना और डॉलर दोनों के ही दाम गिरने लगेंगे। लेकिन बिटकॉइन के दाम तेजी से बढ़ते जाएंगे। डॉलर की दाम गिरने से अमेरिका को कुछ खास नुकसान नहीं होने वाला है क्योंकि उनका घाटा पूरी तरह बिटकॉइन से पूरा हो जाएगा। उसके बाद जिन लोगों ने 95,000 में सोना खरीदा है वह उनके लिए मात्र 50 से 40,000 का ही रह जाएगा। मतलब लोगों के लिए गोल्ड पूरी तरह वेस्ट हो जाएगा। विश्व युद्ध के बाद भी कुछ ऐसी ही प्लानिंग अमेरिका ने करी थी जिसके बाद उन्होंने गोल्ड को डाउन करके डॉलर को एक इंटरनेशनल करेंसी बना दिया था और दुनिया भर में दाम बढ़ा दिए थे इसके बाद उसका मूल्य आज तक कम नहीं हुआ।

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