गार्डन में लगे फलों और फूलों के पौधों का गर्मी से बचाव करने के लिए करें मटका खाद का इस्तेमाल

गार्डन में लगे फलों और फूलों के पौधों का गर्मी से बचाव करने के लिए करें मटका खाद का इस्तेमाल, जानिए कैसे होती है तैयार ? गर्मी से पेड़-पौधों का बचाव करने के लिए हम तरह-तरह के नुस्खे अपनाते हैं जिससे उनकी मिट्टी में नमी रहे और हमारे पर पौधों को ठंडक मिल सके कई बार गर्मी के समय अच्छी तरह से देखभाल नहीं करने की वजह से हमारे पेड़-पौधे पूरी तरह से खराब हो जाते हैं।

कई लोग पौधों की अच्छी ग्रोथ के लिए लिक्विड या जैविक खाद का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आज हम आपको मटका खाद का इस्तेमाल करने के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे आपके पेड़-पौधों को तपती धूप का खतरा भी नहीं होगा और यह नेचुरल तरीके से ग्रोथ भी कर पाएंगे और इन्हें पूरा पोषण मिल पाएगा आईए जानते हैं कैसे आप मटका खाद तैयार करके इसका उपयोग कर सकते है।

जानिए कैसे बनाई जाती है मटका खाद

पेड़-पौधों की पैदावार के लिए अक्सर लोग रासायनिक खाद या गोबर की खाद का इस्तेमाल करते हैं लेकिन मटका खाद इन दोनों खादों से काफी ज्यादा असरदार साबित होती है पेड़-पौधों में इस खाद का इस्तेमाल करते ही आपको काफी अच्छा परिणाम देखने को मिलेगा और पेड़-पौधों की तेजी से ग्रोथ होने के साथ-साथ मटका खाद पेड़-पौधों में पोषक तत्वों की कमी भी पूरा करती है।

इस खाद को तैयार करना काफी ज्यादा आसान है आप एक मटका ले उसमें 5 से 6 लीटर पान भरें अब इसमें 200 ग्राम गुड़ डालकर अच्छी तरह से घोल तैयार कर ले, मटके में 4 से 5 लीटर गोमूत्र और 6 से 7 किलो गोबर डालकर अच्छी तरह से मिला ले शुरुआत में आप 10 से 15 मिनट के लिए सीधी दिशा में डंडे से इसे मिलाएं फिर उल्टी दिशा में हिलाएं यह मटका खाद 100% शुद्ध जैविक खाद होती है जो पेड़-पौधों को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं पहुँचाती साथ ही रोगों के संक्रमण से बचाती है।

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जानिए क्या है पेड़-पौधों में इस्तेमाल करने का तरीका ?

  • आपको इस खाद का इस्तेमाल पेड़-पौधों में 10 से 15 दिन के अंतराल में करना होगा इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि ज्यादा मात्रा में इसका उपयोग आपको नहीं करना है
  • साथ ही पानी मिलाकर इस खाद को पेड़-पौधों में डालें वरना आपके पौधे अच्छी तरह से पैदावार नहीं कर पाएंगे जब मिट्टी में अधिक नमी हो तभी इस खाद का इस्तेमाल करें
  • ज्यादा दिनों तक खाद को तैयार करके ना रखें तुरंत इसका इस्तेमाल करना ही बेहतर होता है साथ ही इसमें मिलाई गई गोबर की खाद और गोमूत्र 7 से 10 दिन से ज्यादा पुराना नहीं होना चाहिए
  • इसका का इस्तेमाल करने के बाद आपको कभी भी पेड़-पौधों में किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा और आप फूल, फल और सब्जियां किसी भी पौधे में इसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

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