दुनिया का सबसे महंगा नमक! अमीरों की प्लेट में भी नहीं डल पाता जिसका स्वाद, आइये आपको बताते हैं आखिर कितनी है इसकी कीमत जो अमीर भी नहीं उठा पाते इसका लुफ्त।
दुनिया का सबसे महंगा नमक
आपने आज तक दुनिया की कई सारी महंगी चीजों का सेवन किया होगा, लेकिन आज हम आपको दुनिया के ऐसे महंगे नमक के बारे में बताने जा रहे हैं जिसकी कीमत और खासियत जानकर आपके भी होश उड़ जाने वाले हैं। दुनिया का यह खास नमक बहुत ही ज्यादा महंगा मिलता है। साथ ही यह हेल्थ के लिए भी बहुत ही ज्यादा बेहतर माना जाता है। जिस कारण इसका स्वाद लेने के लिए कई सारे अमीर भी तरसते रहते हैं जिसके कारण यह बहुत ही महंगी कीमतों पर बाजार में बिकता है।

रसोई में उपयोग होने वाले सारे मसाले में से सबसे ज्यादा जरूरी चीज नमक होता है। नमक के बिना स्वाद नमक के बिना खाने का स्वाद और जायका का बिल्कुल भी नहीं आता है। वैसे तो नमक बहुत ही सस्ते दामों में मिलता है। लेकिन आज हम जिस नमक की बात कर रहे हैं उसे कोरियाई बांस नमक कहा जाता है। कोरियाई बांस नमक बहुत ही ज्यादा महंगा होता है। दुनिया के सबसे महंगे नमक में इसकी लिस्टिंग की जाती है।
इन कारणों से होती है इतनी कीमत
- कोरियाई बांस नमक की कीमत इतनी ज्यादा होती है कि कई सारे अमीर लोग भी इसे लेने से कतराते हैं। इसके 250 ग्राम नमक की कीमत लगभग 100 अमेरिकी डॉलर यानी की 7500 रुपए है। इस नमक में ऐसे कई सारे ऐसे गुण पाए जाते हैं जो कि इस नमक को काफी महंगा बना देते हैं। साथ ही इस नमक को काफी जटिल प्रक्रिया के बाद बनाया जाता है।
- प्राचीन काल से ही कोरिया लोग खाना पकाने के लिए पारंपरिक दवा के रूप में कोरियाई बांस नमक का इस्तेमाल करते थे। जिस कारण यह नमक बहुत ही ज्यादा पौष्टिक माना जाता है।
- कोरियाई बांस नमक को बांस के अंदर सामान्य समुद्री नमक डालकर उच्च तापमान भूनकर बनाया जाता है। साथ ही इसे एमेथिस्ट बैंबू कहा जाता है। यह कोरिया में ज्यादातर बनाया जाता है। इसको बनाने में इतना ज्यादा समय लगता है कि यह नमक बहुत ही ज्यादा महंगा हो जाता है।
- कोरियाई बांस नमक को बांस के सिलेंडर में भरकर नीलम बांस का नमक बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में लगभग 50 से ज्यादा दिन लगते हैं। साथ ही इस नमक से भरे बांस के सिलेंडर को कई बार उच्च तापमान पर गर्म भी किया जाता है। जिस कारण इस बांस के गुण नमक में आ जाते हैं। जिस कारण यह नमक बेहद ही पौष्टिक हो जाता है।
- साथ ही इसे कम से कम 9 बार 800 डिग्री सेल्सियस से कहीं ज्यादा तापमान पर भूना जाता है। जिस कारण इस नमक पर बहुत ही ज्यादा ईंधन वेस्ट होता है।
- इसे भूनना न केवल नमक को बांस के खनिजों से मिलाना है। साथ ही इसके रंग और बनावट को भी यह प्रक्रिया पूरी तरह से बदल देती है।
- इस नमक को अंतिम बार 1000 डिग्री सेल्सियस तक भुना जाता है। साथ ही इसके लिए कुछ विशेष कारीगरों की आवश्यकता होती है। साथ ही इसके लिए विशेष प्रकार की भट्टियों का इस्तेमाल किया जाता है।
- इस प्रक्रिया में काफी ज्यादा मेहनत और समय लगता है जिसके कारण इसकी लागत बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। इसमें भुनने और ठंडा करने के दोनों चरण शामिल होते हैं। जिस कारण इस नमक की कीमत बाजारों में बहुत ही ज्यादा मिलती है। इस नमक के 240 ग्राम पैकेट की कीमत ₹7000 से कई गुना ज्यादा होती है।
इस खासियत से है मशहूर
कोरियाई बांस नमक की समुद्री नमक से यदि तुलना की जाए तो इसमें आयरन पोटेशियम, कैल्शियम जैसे आवश्यक खनिजों का स्तर पर काफी ज्यादा उच्चकोटि का होता है। साथ ही यह खनिज, पाचन और मौखिक स्वास्थ्य सहित कई सारे स्वास्थ्य पहलुओं को बेहतर बनाता है। सदियों से इस बांस के नमक का उपयोग कोरियाई लोग करते आ रहे हैं। साथ ही कोरिया पारंपरिक चिकित्सा में भी इसका काफी ज्यादा महत्व है। यह बांस का नमक सूजन को कम करने के लिए जाना जाता है। साथ या गले में खराश जैसी परेशानियों में भी बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है। यह नमक मुंह के छालों और मसूड़े की सूजन को कम करता है। साथ ही बैक्टीरिया से लड़ने में भी सहायक होता है। यह नमक पोटेशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम सहित 70 से अधिक आवश्यक खनिजों से भरपूर होता है। इस नमक में एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा भी पाई जाती है जो कि आपके प्रतिरक्षा प्रणाली को बहुत ही ज्यादा बेहतरीन बनाती है। त्वचा के संक्रमण को रोकने में बांस का नमक बहुत ही अच्छा माना जाता है। एक्जिमा जैसी बीमारियों में भी यह बहुत ही ज्यादा लाभकारी होता है। बांस के नमक का सेवन करने से हार्मोनल संतुलन बहुत ही अच्छा हो जाता है जिससे कि तनाव का स्तर बहुत ही ज्यादा कम रहता है।